मुहम्मदपुर में गंगा कटान और अतिवृष्टि से 26 परिवार बेघर, प्रशासन ने संभाली कमान
प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत, राशन किट वितरण प्रारंभ; मुआवजे की प्रक्रिया तेज

बलिया 
गंगा की निरंतर कटान और बीते दिनों हुई भारी बारिश ने नगर पालिका बलिया अंतर्गत मुहम्मदपुर के कई परिवारों को बेघर कर दिया। प्राकृतिक आपदा की इस दोहरी मार ने जहां लोगों के आशियाने उजाड़ दिए, वहीं प्रशासनिक सतर्कता और त्वरित राहत प्रयासों ने प्रभावितों को कुछ राहत जरूर दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार,  कुल 26 आवासीय इकाइयाँ प्रभावित हुईं, जिनमें 4 पक्के मकान तथा 20 कच्चे मकान/झोपड़ियाँ गंगा कटान की चपेट में आकर पूरी तरह ढह गईं। इसके अतिरिक्त 2 झोपड़ियाँ अतिवृष्टि के कारण गिर गईं, जिससे गरीब परिवारों का आशियाना पूरी तरह तबाह हो गया।
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम मौके पर पहुंच गई। प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए राहत कार्यों को प्राथमिकता पर लिया। मौके पर तैनात राहत दल ने प्रभावित परिवारों से समन्वय स्थापित कर उनके बैंक खाता विवरण संकलित करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि अगले 24 घंटे के भीतर प्रत्येक पात्र परिवार के बैंक खाते में आपदा राहत धनराशि भेज दी जाएगी।
राशन किट पहुंचाई जा रही, कोई भूखा न सोए – प्रशासन का संकल्प

प्रभावित परिवारों को प्राथमिक राहत के तौर पर आवश्यक खाद्य सामग्री की राशन किट भी वितरित की जा रही है, जिनमें चावल, दाल, आटा, नमक, तेल, मसाले, मोमबत्ती, माचिस, साबुन आदि शामिल हैं। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी परिवार भोजन अथवा दैनिक जरूरत की वस्तुओं के बिना न रहे।

स्थानीय लोगों की जुबानी पीड़ा

गांव के निवासी राजनाथ , जिनका कच्चा मकान कटान में बह गया, ने बताया, "हमारे पास जो कुछ था, वही घर था। अब सब कुछ खत्म हो गया। लेकिन प्रशासन की ओर से तुरंत मदद मिल रही है, यही राहत है।"

दूसरी ओर, बुज़ुर्ग महिला रामरती देवी ने कहा, "बारिश से झोपड़ी गिर गई। बच्चों को लेकर खुले में आ गए थे। आज राशन मिला है, अधिकारी लोग हर रोज़ पूछने आ रहे हैं, बहुत अच्छा लग रहा है कि हम अकेले नहीं हैं।"

प्रशासन की सख्त निगरानी

उपजिलाधिकारी, तहसीलदार सहित आपदा राहत टीम गांव में डटी हुई है। सभी प्रभावित परिवारों की सूची बनाकर उन्हें सहायता दिलाने की प्रक्रिया चल रही है। जिला प्रशासन के अनुसार, कटान प्रभावित क्षेत्रों का स्थायी समाधान तलाशने के लिए भी उच्चस्तरीय अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जा रही है।
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