बलिया में पत्रकारों का जोरदार प्रदर्शन, मुख्यमंत्री को सौंपा मांगपत्र
रिपोर्ट बसंत कुमार सिन्हा

बलिया 
ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन जनपद इकाई बलिया के बैनर तले मंगलवार को पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। अध्यक्ष सुधीर सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीण पत्रकार एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करते हुए नारेबाजी की और प्रदेश सरकार से अपनी समस्याओं के स्थायी समाधान की मांग की। तत्पश्चात पत्रकारों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।

प्रमुख मांगें
पत्रकारों ने ज्ञापन में सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगें उठाई—

राजधानी लखनऊ में कार्यालय हेतु भवन का आवंटन : ताकि दूरदराज के जिलों से आने वाले पत्रकारों को ठहरने और बैठक करने की समस्या का समाधान हो सके।

आयुष्मान भारत योजना का लाभ : ग्रामीण पत्रकारों और अखबारों में कार्यरत संवाददाताओं को भी मान्यता प्राप्त पत्रकारों की भांति योजना में शामिल किया जाए, ताकि वे और उनका परिवार मुफ्त कैशलेस इलाज करा सकें।

बीमा और पेंशन योजना : शासन स्तर से ग्रामीण पत्रकारों को बीमा कवर दिया जाए तथा 60 वर्ष से अधिक उम्र के आंचलिक पत्रकारों को पेंशन योजना का लाभ सुनिश्चित किया जाए।

एफआईआर से पूर्व अनिवार्य जांच : पत्रकारों के खिलाफ किसी भी प्राथमिकी दर्ज करने से पहले राजपत्रित अधिकारी से जांच कराई जाए, जिससे अनावश्यक उत्पीड़न रोका जा सके।

नियमित बैठकें : तहसील स्तर पर भी प्रशासनिक अफसरों और ग्रामीण पत्रकारों के बीच नियमित बैठकें आयोजित की जाएं।

आर्थिक सहायता : प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना में मृत ग्रामीण पत्रकार के परिजनों को तत्काल 5 लाख रुपये की सहायता तथा मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाए।


पत्रकारों की एकजुटता
इस मौके पर बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद रहे, जिनमें छोटेलाल चौधरी, जनार्दन सिंह, अनिल केशरी, बसंत पाण्डेय, नवीन गुप्ता, रजनीश राय, गुप्तेश्वर पाठक, अरविंद तिवारी, श्यामप्रकाश शर्मा, कैलाशपति सिंह, धर्मेंद्र तिवारी, संजय सिंह, हरिवंश कुमार, प्रभाकर सिंह, आनंद मोहन मिश्र, संजय राय, बब्बन चौधरी, आनंद सिंह, एसके सिंह, सुधीर कुमार मिश्रा, बीरबहादुर सिंह, सुनील शर्मा समेत अनेक पत्रकार शामिल रहे।

संगठन का स्वर

ग्रामीण पत्रकारों ने कहा कि वे समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज बनकर कार्य करते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा और सुविधाओं की अनदेखी लंबे समय से हो रही है। यदि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
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