बिहार चुनाव से सबक लें यूपी के जनप्रतिनिधि: रणजीत सिंह
रिपोर्ट पवन कुमार गुप्ता

बलिया। मदद संस्थान के महासचिव रणजीत सिंह ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में जनता ने अपने जनप्रतिनिधियों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया, उससे उत्तर प्रदेश के निर्वाचित प्रतिनिधियों को भी सबक लेना चाहिए।
उन्होंने यह बात मीडिया सेंटर, अखार में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
रणजीत सिंह ने कहा कि "नेता चुनाव के दौरान महज़ एक महीने में अपने क्षेत्र के हर गांव में सभाएं, गोष्ठियां, मीटिंगें और भाषण करते हुए पहुंच जाते हैं,
लेकिन चुनाव जीतने के बाद वही जनप्रतिनिधि पाँच वर्षों में भी अपने विधानसभा क्षेत्र के सभी गांवों का दौरा नहीं कर पाते।”
उन्होंने कहा कि ऐसे जनप्रतिनिधियों को बिहार की जनता ने 2025 के विधानसभा चुनाव में आइना दिखाया — कई जगह उन्हें गांवों में घुसने तक नहीं दिया गया और विरोध के बीच लौटना पड़ा।

जनता के राजा नहीं, बल्कि उसकी आवाज़ हैं जनप्रतिनिधि

रणजीत सिंह ने जनप्रतिनिधियों को याद दिलाया कि वे जनता द्वारा चुने गए जनसेवक हैं, जनता के ऊपर शासन करने वाले राजा नहीं।
उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को चाहिए कि वे समय-समय पर अपने मतदाताओं के बीच जाएं, उनकी समस्याएं सुनें और समाधान के प्रयास करें।

समय बदल रहा है, जनता हिसाब मांगने को तैयार

सिंह ने आगाह किया कि समय तेजी से बदल रहा है और अब जनता अपने प्रतिनिधियों से उनके पाँच वर्ष के कार्यकाल का पूरा हिसाब मांगने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिहार जैसी स्थिति न बने, इसके लिए जरूरी है कि विधायक और सांसद चुनाव के बाद भी लगातार जनता के बीच चौपाल, सभा और गोष्ठियों का आयोजन करें।
उन्होंने खेद जताया कि अधिकांश जनप्रतिनिधि ऐसा नहीं करते।
एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने कहा —
“जनता अब जागरूक है। वह केवल चुनाव के समय दर्शन देने वाले नेताओं को बख्शने वाली नहीं है।”
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