विनियमित क्षेत्र उदयपुरा में बिना स्वीकृति प्लाटिंग और निर्माण जारी, प्रशासन मौन
एक वर्ष पूर्व जारी नोटिस पर नहीं हुई कार्रवाई, अब रजिस्ट्री और निर्माण दोनों जारी — भविष्य में अव्यवस्था की आशंका

बलिया। नगर के विनियमित क्षेत्र मौजा उदयपुरा में बिना स्वीकृति के प्लाटिंग और निर्माण कार्य जारी रहने से क्षेत्र में गंभीर अव्यवस्था की आशंका गहराती जा रही है। एक वर्ष पूर्व नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय से जारी नोटिस के बावजूद आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
ग्राम प्रधान उदयपुरा अखिलेश सिंह द्वारा 21 अगस्त 2024 को की गई शिकायत के आधार पर नियत प्राधिकारी विनियमित क्षेत्र बलिया द्वारा जांच कराई गई थी। जांच में यह पाया गया कि संबंधित भूमि पर बिना स्वीकृत लेआउट प्लान के प्लाटिंग कार्य किया जा रहा है। इसके पश्चात प्राधिकारी द्वारा नोटिस जारी कर भूमि स्वामी से 6 जनवरी 2025 तक स्वीकृत लेआउट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था, अन्यथा आर.बी.ओ. एक्ट की धारा 10 के अंतर्गत कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।
हालांकि नोटिस जारी हुए लगभग एक वर्ष बीत चुका है, लेकिन अब तक कोई विधिक कार्यवाही नहीं की गई है। इसके विपरीत, विवादित भूमि पर निरंतर रजिस्ट्री और मकान निर्माण का कार्य जारी है।
क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि जब स्वयं नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय ने आर.बी.ओ. एक्ट की धारा 10 का उल्लेख करते हुए विधिक कार्रवाई की चेतावनी दी थी और जांच में प्लाटिंग की पुष्टि हो चुकी थी, तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
क्या दबाव में फाइल रोक दी गई, या फिर किसी “सहमति” के चलते मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया? बिना नाली, बिजली, पार्क और जल निकासी व्यवस्था के ही प्लॉट बेचे और निर्माण कराए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में भारी अव्यवस्था और जनसमस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

ग्राम प्रधान अखिलेश सिंह का कहना है कि

"विनियमित क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली भूमि पर बिना स्वीकृति हो रहे निर्माण और विक्रय पर तत्काल रोक लगाई जाए तथा जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में नगर क्षेत्र में बेतरतीब बसावट और जलनिकासी जैसी विकट स्थिति से बचा जा सके।"
इस पूरे प्रकरण ने नगर प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में यह अनियोजित निर्माण क्षेत्र शहरी अराजकता और जनसुविधा संकट का केंद्र बन सकता है।
क्षेत्रीय लोगों ने शासन से मांग की है कि नगर मजिस्ट्रेट स्तर पर इस मामले की समीक्षा कर जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाए, ताकि नियमानुसार विकास और जनहित दोनों सुरक्षित रह सकें।

रिपोर्ट.. बसंत कुमार सिन्हा 

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