बलिया। जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय का सप्तम दीक्षान्त समारोह आगामी 7 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा। समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी।
समारोह के मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. रजनीकांत होंगे, जिन्हें देश-विदेश में “भारत के जी.आई. मैन” के नाम से जाना जाता है। वे विद्यार्थियों को दीक्षान्त उद्बोधन देंगे। डॉ. रजनीकांत ने देश के 20 राज्यों की 59 से अधिक वस्तुओं को जी.आई. प्रमाणन दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके प्रयासों से पारंपरिक हस्तशिल्प और कलाओं को नई पहचान और संरक्षा मिली है। विशेष रूप से वाराणसी क्षेत्र की अनेक वस्तुएं जी.आई. प्रमाणित हुईं, जिससे यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जी.आई. हब के रूप में उभरा है।
समारोह में उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय अति विशिष्ट अतिथि और राज्य मंत्री (उच्च शिक्षा) रजनी तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी।
इस वर्ष विश्वविद्यालय के 19,560 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की जाएँगी, जिनमें 15,878 स्नातक और 3,682 परास्नातक छात्र शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि उपाधि प्राप्त करने वालों में 62 प्रतिशत छात्राएँ हैं, जबकि छात्रों का प्रतिशत 38 है। स्नातक स्तर पर 60 प्रतिशत और परास्नातक स्तर पर 72 प्रतिशत छात्राएँ सफल हुई हैं। साथ ही, 19 शोधार्थियों को पी-एच.डी. की उपाधि दी जाएगी, जिनमें 13 छात्र और 6 छात्राएँ हैं।
इस अवसर पर 43 विद्यार्थियों को कुल 44 स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे। उर्दू विषय में सर्वोच्च अंक पाने वाली शामिया खातून को कुलाधिपति स्वर्ण पदक (चांसलर मेडल) से सम्मानित किया जाएगा। स्वर्ण पदक विजेताओं में 34 छात्राएँ और 9 छात्र शामिल हैं।
दीक्षान्त समारोह के दौरान माननीय कुलाधिपति द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को 300 किट वितरित की जाएँगी, जिनमें से 200 किट जिला प्रशासन और 100 किट विश्वविद्यालय की ओर से उपलब्ध कराई जाएँगी।
समारोह से पूर्व विश्वविद्यालय परिसर एवं गोद लिए गए गाँवों में दीक्षोत्सव कार्यक्रमों के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। इनमें विजयी हुए प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को भी राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया जाएगा।