कहा- "यह फैसला निर्वाचित प्रतिनिधियों की अवहेलना है"
रिपोर्ट: सुजान राहुल श्रीवास्तव
बलिया। जनपद बलिया का गौरवशाली, ऐतिहासिक और धार्मिक परंपराओं से जुड़ा ददरी मेला इस बार प्रशासनिक निर्णयों को लेकर चर्चा में है। प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और नगर विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता आनंद स्वरूप शुक्ल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मेले के आयोजन में नगर पालिका की पारंपरिक भूमिका बहाल करने की जोरदार मांग की है।
श्री शुक्ल ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि महर्षि भृगु के शिष्य दर्दर मुनि की स्मृति में सदियों से लगने वाला यह मेला नगर पालिका परिषद की देखरेख और नपा अध्यक्ष की अध्यक्षता में ही आयोजित होता रहा है। सभी सभासदों की सक्रिय भागीदारी से ददरी मेला अपनी भव्यता और परंपरा बनाए रखता आया है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि चाहे किसी भी राजनीतिक दल से अध्यक्ष रहे हों या निर्दलीय, सभी ने इस मेले को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन इस बार जिलाधिकारी द्वारा गठित 51 सदस्यीय आयोजन समिति में नपा अध्यक्ष को केवल विशेष आमंत्रित सदस्य बना दिया गया है, जबकि सभासदों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है।
आनंद स्वरूप शुक्ल ने इस फैसले को निर्वाचित प्रतिनिधियों की अवहेलना करार दिया और कहा कि इससे स्थानीय जनता में गहरा असंतोष व्याप्त है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि ददरी मेले की गरिमा और परंपरा को बनाए रखने के लिए आयोजन का दायित्व पूर्व की भांति नगर पालिका अध्यक्ष और सभासदों को ही दिया जाए।
श्री शुक्ल ने स्पष्ट कहा कि ददरी मेला सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि बलिया की अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान है, जिसे कमजोर करना जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ होगा।
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